Raksha Bandhan 2021:भारतीय राज्यों में राखी मनाने की अलग अलग परंपराएं एवं तौर तरीके
उत्तर भारत में : श्रवण पूर्णिमा
उत्तर भारत में राखी का पर्व काफी उत्साह पूर्वक मनाया जाता है खासकर उत्तर प्रदेश,बिहार,मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां बहने अपने भाइयों को टीका लगाने के बाद राखी बांधती है , जिसके बदले उनके भाई उन्हे कुछ उपहार भेंट करते हैं। वहीं जम्मू कश्मीर में लोग इस दिन पतंग उड़ाके इस पर्व को मनाते हैं , तो हरियाणा में इस पर्व को एक विशेष नाम दिया गया है "सालोनो" । यहां इस पर्व की शुरूवात मंदिर में जाके होती है जहा मंदिर का पुजारी भाई की कलाई में पवित्र धागे को उसकी रक्षा के लिए बांधता है। और फिर बाद में बहने अपने भाईयो को राखी बांधती है ।
पश्चिमी भारत में : नारियल पूर्णिमा
गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा जैसे क्षेत्रों में यह पर्व काफी महत्वपूर्ण माना जाता है खासकर के मछुवारों के लिए क्युकी जब मॉनसून पीछे होने लगता है(retreat monsoon) तब समुद्र की लहरे शांत होने लगती है , जिसके वजह से यह उनके लिए नए फिशिंग सीजन के रूप में शुरू होता है , जिसके प्रारूप मछुवारे समुद्र में नारियल को डाल के भगवान वरुण( hindu rain god) को समर्पित करते हैं।
गुजरात : पावित्रोपणा
गुजरात में इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है की जो इस दिन भगवान शिव की पूजा करता है उसके सारे पाप मिट जाते हैं।पावित्रोपण पवित्रास से मिले बना है जिसने कपास के रेशों को कास (एक प्रकार की घास) से जोड़ने के पश्चात इसे पंचगव्या (गाय का घी, दूध, दही, गोबर, गोमूत्र) में मिलाया जाता है और फिर इस धागे को शिवलिंग के चारो ओर बांधा जाता है।
पूर्वी भारत: झूलन पूर्णिमा
असम और त्रिपुरा में इसे काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि इन राज्यों में रहने वाले हिंदुओ की संख्या अच्छी खासी है।पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है ,जिसे झूलन यात्रा के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व वैष्णव धर्म को मानने वालो के लिए बहुत ही विशेष माना जाता है।
दक्षिण भारत: अवनी अवित्तम
दक्षिण भारत में इस पर्व पे ब्राह्मण अपने पवित्र धागे(जनेऊ) को स्नान करने के पश्चात बदलते हैं। माना जाता है की इस प्रथा से एक प्रकार का प्रायश्चित करते हैं, और एक अच्छी , गरिमामयी जीवन जीने की संकल्पना लेते हैं। और ये ब्रह्मांड इस दिन यजुर वेद (yajur veda) ka अध्यन करते हैं।
भारत के अलग अलग प्रदेश में राखी का त्योहार अलग अलग ढंग से मनाया जाता है । जम्मू कश्मीर में लोग इस दिन पतंग उड़ाके मनाते हैं । हरियाणा में इस पर्व को एक विशेष नाम दिया गया है "सालोनो" । यहां इस पर्व की शुरूवात मंदिर में जाके होती है जहा मंदिर का पुजारी भाई की कलाई में पवित्र धागे को उसकी रक्षा के लिए बांधता है। और फिर बाद में बहने अपने भाईयो को राखी बांधती है ।
भारत में यह धर्म संस्कृति के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । यह भ्रात्रभावना और सहयोग के उद्देश से भारत में हिंदू और जैन धर्म के लोग खासकर के मनाते हैं। इसमें बहने अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी दीर्घायु और प्रशंता की प्रार्थना करती हैं, और भाई उनकी रक्षा करने का वचन देता है।
इस वर्ष राखी का त्योहार २२ अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा । राखी बांधने का शुभ मुहूर्त २२ अगस्त की सुबह 05 बजकर 05 मिनट से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक है। कई वर्षो के बाद ऐसा संयोग आया है की इस दिन भद्रा नक्षत्र नही है , क्युकी ऐसा माना जाता है की रावण को उसकी बहन ने भद्रा नक्षत्र में ही राखी बांधी थी जिससे उसका अनुचित हुआ।
इस वर्ष पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन पर सुबह 06:15 बजे से लेकर 10:34 बजे तक शुभ योग रहेगा। वही शाम 07:40 मिनट तक घनिस्था योग रहेगा। इसमें राखी बांधना सबसे श्रेष्ठ माना गया है ।
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